श्लोक, भजन र नीति

ॐ नमः शिवाय:

सर्वेश्वरन्तम् शरणम् प्रपद्ये

श्री सर्वेश्वरम शरणम् गच्छामि

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।

शिव सेवक मम द्रोहि, मम द्रोहि शिवदास

तेवर परहिं कल्प, धोरनरक महबास

(रामचरित मानस)

देवकीनन्दनः कृष्णो, गीता पाठेन तुष्यति

(गीता महात्म्या)

जय शालग्राम जय शालिग्राम।

गण्डकीका छोरा तिमी, स्वयं भगवान

(भजन)

हुर्कायौं बढायौं आर्जिन खानलाई।

हैन रैछ बुढेसकाल‌मा, शोकदिनलाई

(भजन)

विद्याप्रवास‌मामित्र, माताजी घरमअनी

रोगमा औषधी मित्र, मृत्युपछित धर्मनी॥

(नीति)

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